۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
نجف

हौज़ा / ह़ज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा अलह़ाज ह़ाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी ने हिज़बुल्लाह लेबनान के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह की महान शहादत पर गहरा दु:ख और शोक व्यक्त करते हुए एक शोक संदेश जारी किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ह़ज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा अलह़ाज ह़ाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी ने हिज़बुल्लाह लेबनान के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह की महान शहादत पर गहरा दु:ख और शोक व्यक्त करते हुए एक शोक संदेश जारी किया है।

शहादत पर जारी बयान का अनुवाद

بسم الله الرحمن الرحيم
قال الله تعالى: (وَلاَ تَحْسَبَنَّ الَّذِينَ قُتِلُواْ فِي سَبِيلِ اللّهِ أَمْوَاتاً ‏بَلْ أَحْيَاء عِندَ رَبِّهِمْ يُرْزَقُونَ  ‏فَرِحِينَ بِمَا آتَاهُمُ اللّهُ مِن ‏فَضْلِهِ وَيَسْتَبْشِرُونَ بِالَّذِينَ لَمْ يَلْحَقُواْ بِهِم مِّنْ خَلْفِهِمْ أَلاَّ ‏خَوْفٌ عَلَيْهِمْ ‏وَلاَ هُمْ يَحْزَنُونَ)
अल्लाह सुब्हानहु व त'आला का इरशाद है :"और जो लोग अल्लाह की राह में मारे गए, उन्हें मरा हुआ न समझो, बल्कि वे जीवित हैं और अपने रब से रिज़्क़ पा रहे हैं अल्लाह ने उन्हें अपनी कृपा से जो कुछ दिया है, उससे वे खुश हैं और जिन्होंने अभी तक उन्हें पैरवी (फॉलो) नहीं किया है, वे भी खुश हैं कि उन्हें (क़यामत के दिन) कोई डर नहीं होगा और न ही वे दुखी होंगे।
صَدَقَ اللّهُ الْعَلِيُّ الْعَظِيمُ.‏
बड़े दुःख के साथ हम इमाम ज़माना (अज) की बारगाह में मुजाहिदीन के गौरव और प्रतिरोध के सय्यद ,सैय्यद अल-शोहदा इमाम हुसैन अस के पोते, अल्लामा मुजाहिद सैयद हसन नसरुल्लाह (क़ुद्दीसा सिर्रहु) की शहादत की दुखद खबर पर शोक व्यक्त करते हैं।

हम फ़रज़न्दे ज़हरा (अ.स) की ख़िदमत में शहादत पर मुबारकबाद पेश करते हैं, वो शहादत जिसकी उन्हें हमेशा चाहत थी और वर्तमान काल के फिरौन, पैगम्बरों (अस) के हत्यारों की पीढ़ी से नसीब हुई। यह महान व्यक्तित्व अपने पवित्र पूर्वजों, सिद्दिक़ीन, शहीदों तथा सालेहीन लोगों के कारवां में शामिल हो गया है और उनकी रिफ़ाक़त कितनी बुलंद और रश्क के क़ाबिल है। 

दुनिया के स्वतंत्र और स्वतंत्रता-प्रेमी लोगों को यह स्पष्ट होना चाहिए कि इस मुजाहिद सैयद का पवित्र खून व्यर्थ नहीं जाएगा ,बल्कि ये खून अल्लाह की ताकत से  फ़त्ह (जीत) का दरवाजा खोलेगा , अल्लाह त'आला अपनी रहमत से मुसलमानों को बड़ी जीत अता फरमाएंगे।

अमीरुल मोमेनीन (अ.स) का फ़रमान है "तलवार का शेष (खून) बड़ी संख्या और संतान वाला होता है हम अपने दिलों को मज़बूती से थामते हुए इस दुखद त्रासदी को अल्लाह की इच्छा के रूप में स्वीकार करते हैं ,हम मोमेनीन से अनुरोध करते हैं कि वे सैयद हसन नसरुल्लाह (क़ुद्दीसा सिर्रहु) के जीवन, उनके बलिदान और उनकी महान शहादत को मार्गदर्शन और प्रकाश का दीपक बनाएं जैसे उन्होंने सदैव अपने पवित्र पूर्वजों (अस) के मार्ग का अनुसरण किया।

अल्लाह पर भरोसा करें और दीन और दुनिया में उसी की तरफ रुख करें हम उनके सम्मानित परिवार के प्रति अपनी हार्दिक और विशेष संवेदना व्यक्त करते हैं और हम दुआ करते हैं कि अल्लाह इस बड़ी विपत्ति के लिए उनके दिलों और हमारे दिलों को धैर्य (सब्र) प्रदान करे और उनके दरजात को आला इल्लीयीन में बुलंद फ़रमाए।
ولا حول ولا قوۃ إلا باللہ العلی العظیم

बशीर हुसैन अल नजफ़ी
दिनांक: 24 रबी अव्वल 1446, दिनांक: 28/9/2024

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